सीढ़ियों पर बैठे थे सैकड़ों साइबेरियन पँछी। एक अपनी चोंच में गंगा जी से एक मछली पकड़ लाया और गप्प-गप्प निगलने लगा! उसके पास बैठा दूसरा पँछी उसे क्या आँखें फाड़कर देख रहा है!
नीचे वाले चित्र को देखकर लग रहा है कि लूट की मछली में हिस्से की बात हो रही थी। लेकिन हाय! जिसके चोंच में मछली आई वो कहाँ हिस्सा बटाने वाला!