तुलसी को देखकर मानस की पंक्तिया याद आई "अचल होउ अहिवात तुम्हारा । जब लगि गंग जमुन जलधारा" .देवी पार्वती क किरपा बा .
... वाह ।
तुलसी को देखकर मानस की पंक्तिया याद आई "अचल होउ अहिवात तुम्हारा । जब लगि गंग जमुन जलधारा" .देवी पार्वती क किरपा बा .
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