पिछली दो पोस्टों में मैने आपको मुण्डेरी देवी के मार्ग और मंदिर के दर्शन कराये। मैं इस धाम के इतिहास भूगोल के बारे में अधिक कुछ नहीं जानता। अध्ययन करने का समय नहीं मिला लेकिन जितना देखा उतने में बस इतना कह सकता हूँ कि अन्य प्रसिद्ध देवी धाम की की तरह यह भी अत्यधिक रमणीक और दर्शनीय स्थल है।
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इसे देखने से पता चलता है कि यहाँ का वन विभाग वृक्षारोपण के प्रति जागरूक है। लकड़ी के पिंजड़ेनुमा घेरे में असंख्य पौधों को देखकर खुशी हुई। निःसंदेह जब ये वृक्ष बड़े होंगे तो यह स्थल और भी रमणीक हो जायेगा। इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है।
भक्तों की आस्था। छोटे-छोटे घर बनाकर यह कामना करना कि हे देवी! मेरा भी एक घर बन जाय, हृदय को छू लेता है। देवी सभी की मनोकामना पूर्ण करें।
यह वह पहाड़ी मार्ग है जहाँ से चढ़कर धाम तक आना पड़ता है। पता नहीं देवियों के प्रसिद्ध धाम पहाड़ों पर ही क्यों होते हैं!
बहुत सुंदर ...दूसरा चित्र बहुत पसंद आया
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