Oct 16, 2023

सुबह की बातें

धूप निकल आई है। छाँव है घने नीम के नीचे। चहुँ ओर आनंद की वर्षा का आलम है। एक तोता नीम की शाख से हवा में तैरता हुआ अनार के पौधों के बीच-बीच से निकलता हुआ फिर नीम में गुम हो गया। जाते-जाते उसने खण्डहर पर बैठी कौवी को आँख मारी या टाँय से छेड़ दिया कि साथी कौआ देर तक उसी दिसा में मुँह कर काँव-काँव करता रहा। कौए के चोंच इतनी चौडा़ई में खुलते, बंद होते कि लगा खा ही जायेगा तोते को। तोते की तरफ से फिर टाँय-टाँय की आवाज आई और कौआ पंख फैलाकर उड़ता हुआ घुस गया उसी नीम के पेंड़ पर। इधर कौवी उड़ी और हिरण के गरदन के ऊपर बैठ उसके कान में कुछ कहने लगी। हिरण ने हौले-हौले मुंडी हिलाई। कौवी संतुष्ट हो कौए की तलाश में उधर ही उड़ चली।


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