यह अस्सी घाट है। सुबह की आरती चल रही है। अभी सूर्योदय नहीं हुआ है।
कैमरा तैयार है। फोटोग्राफर भी तैयार है। उगते सूरज की तस्वीरें खींचना कौन नहीं चाहता!
ठंडी फिर से बढ़ गई। इन्हे सूर्योदय की नहीं, सूर्योदय देखने वालों की प्रतीक्षा है। जब तक कोई यात्री नहीं मिल जाता ये मल्लाह जाड़े में ऐसे ही आग तापते रहते हैं। आग देख कोई भी ठहर जाता है।
सुबहे बनारस का नज़ारा लेने आये देशी-विदेशी पर्यटकों की नैया निकल चुकी है। घाट पर जल रही बत्तियों को बुझाने वालों की प्रतीक्षा है। वे सूर्योदय के बाद आयेंगे या सूर्यास्त के बाद इसकी कोई गारंटी नहीं है।
ये गंगा स्नान के लिए नहीं, अपने चारे की तलाश में घूम रहे हैं।
सूर्योदय की तस्वीरें अगले अंक में..तब तक के लिए..नमस्कार।
नमस्कार ...आते हैं ...फ़िर से
ReplyDeleteअच्छा चित्रित किया है आपने
ReplyDelete...अपन तो आपके सूर्योदय से ही काम चला लेते हैं :-)
ReplyDeleteशुभप्रभात देवेन्द्र भाई ...
ReplyDeleteNice collection. Beautiful Pictures.
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बहुत सराहनीय प्रस्तुति. आभार. बधाई आपको
ReplyDeleteघर बैठे ऐसे नज़ारे देखकर भारत और भी ज्यादा याद आने लगता है :)
ReplyDeleteबढ़िया कैप्शंस और बढ़िया फोटो .......
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