Feb 27, 2013

राजा घाट, रानी घाट।


बनारस में घाटों के नाम बड़े रोचक हैं। कहीं 'राजा घाट' है तो कहीं 'रानी घाट' भी है। 



राजा घाट का निर्माण सन 1807 ई0 में पूना के पेशवा अमृत राव ने कराया था।


रानी घाट-पहले यह राजघाट का ही भाग था। 1937 ई0 में लखनऊ के इटौजा रियासत की रानी मुनिया साहिबा ने घाट के ऊपर विशाल भवन बनवाया जिसे जानकी कुंज भी कहते हैं। इसके निर्माण के बाद इसका नाम रानी घाट पड़ गया।

Feb 26, 2013

रविदास मंदिर


आज आपको रविदास मंदिर घूमाने ले चलते हैं। यह धनुषाकार घाटों के एक छोर पर स्थित है। सामने राजघाट का पुल है जो बनारस को मुगलसराय से जोड़ता है। अंग्रेजों के जमाने का बना यह पुल मालवीय पुल के नाम से भी जाना जाता है। बाईं ओर संत रविदास का विशाल मंदिर है। 


मंदिर के आस पास पक्के घाट बने हैं। यहाँ के लोगों के लिए तो आम दिन जैसा ही था लेकिन तीर्थ यात्रियों के लिए यहाँ तक आना किसी ख्वाब के पूरा होने जैसा था। पंजाब से आने वाले भक्तों की संख्या अधिक थी।


यह रहा विशाल मंदिर


यात्रियों को देखते ही दीप-फूल बेचने वाले इन बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था।


यहाँ से बनारस के घाट उस समय कुछ ऐसे दिख रहे थे। 


Feb 25, 2013

नील गगन में दो चाँद !

सबसे पहले तो मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि यह कोई ट्रिक फोटोग्राफी नहीं है। आज शाम मेरे साधारण कैमरे से गंगा घाट पर सामने से खींची गई चाँद की तस्वीर है। जिस वक्त मैं चाँद देख रहा था मुझे एक ही चाँद दिख रहा था( यह भी हो सकता है कि मैने उस वक्त दूसरे चाँद को नोटिस ही न किया हो! ) लेकिन घर आकर मैने जब अपनी तस्वीरें देखनी शुरू कीं तो इस चित्र को देखकर चौंक गया। यह क्या? इसमें दो चाँद कहाँ से आ गये! कुछ समझ में नहीँ आया तो आनन फानन में एक काम किया कि इसे फेसबुक में शेयर कर दिया। काई पो छे फिल्म देखने का मैने पहले से ही प्रोग्राम बना रखा था सो पोस्ट करके मैं फिल्म देखने चला गया। हॉल में घुसने से पहले डा0 अरविंद मिश्र जी की बधाई फोन पर मिली और मैने उनको बता दिया कि मैं फिल्म देखने जा रहा हूँ। लौट कर देखा तो चित्र पर खूब बहस छिड़ी हुई थी। कभी डा0 अरविंद मिश्र जी की बात सही लगती कभी श्री निशांत मिश्र की बात सही लगती कि हो सकता है कैमरे में ही कुछ खराबी आ गई हो। मैने उस वक्त खींची अपनी दूसरी तस्वीरों को खगालना शुरू किया तो ध्यान से देखने पर यहाँ भी दूसरा चाँद तारे जैसा दिखा तो मुझे डा0अरविंद मिश्र जी की बात पर यकीन हो गया।


यह तस्वीर एक दो मिनट बाद की है। इसे क्लिक करके ध्यान से देखने पर पहले चित्र वाला दूसरा चाँद, तारे जैसा दिख जायेगा।


दूसरा पिंड आसानी से नहीं दिख रहा है। इसलिए अब इसमें घेरा बना दिया हूँ। इसी के भीतर है।



एक और शख्स अपने टैब पर उस वक्त चाँद की तस्वीरें खींच रहा था। मुझे उसकी चाँद की तस्वीर अधिक खूबसूरत लगी तो मैने उससे कहा ..प्लीज ओपेन योर टैब आई वांट अ पिक्चर.. । उसने टैब खोला और मैने सोचा कि चाँद को जरा इसके टैब से उतार कर देखते हैं लेकिन ऐसा कहाँ संभव था!


है न चित्रों में आनंद ?

Feb 24, 2013

पेंटिंग

गंगा घाट पर विदेशी पर्यटकों को अकेले बैठकर कुछ लिखते, फोटोग्राफी करते या फिर पेंटिंग करते देखा जा सकता है। यह साधना की तपोभूमि है जिसका आकर्षण सभी को बांध देता है। 


पेंटर महोदय इसी दृश्य को अपने कैनवास पर उतार रहे थे। 



Feb 18, 2013

सरस्वती विसर्जन


हे सरसती माई !
के तोहें 
पकड़ी?


झूम - झूम 
नाचें-गायें
खींचे तोहार
सगड़ी


हे गंगा मैय्या! 
अब माई के संभाल तू


माई गइलिन गंगा जी में 
शेष बची 
लकड़ी।




जो मूर्त है वह नश्वर है। 
जो सत्य है वह ईश्वर है।

Feb 17, 2013

प्यारा बच्चा


गंगा घाट में मिला प्यारा बच्चा। गुब्बारे से खेल रहा था। ध्यान से देखिये और बताइये यह किसे देख रहा है?


पीछे इसकी माँ की सतर्क निगाहें हरदम अपने बच्चे पर हैं। बगल में शिवलिंग स्थापित है।  मैं बच्चे को देख रहा हूँ। बड़ा प्यारा लग रहा है मुझे। लेकिन बच्चा मुझे नहीं देख रहा है। :(


इतना खुश वह मुझे देखकर नहीं है। :)


बच्चा अपने डैडी को देख रहा है जो उसकी नहीं, मंदिर की फोटो खींच रहे थे। :) 


मैने बच्चे के डैडी को अपनी तस्वीरें दिखाईं तो वे बोले..भेरी नाइस! आप क्या कहते हैं?

Feb 15, 2013

राम नगर

राम नगर का प्रसिद्ध किला लंका से मात्र दो किमी की दूरी पर है। नदी पार करने की देर है। बाढ़ को छोड़कर शेष दिनो में नदी पार करने के लिए पीपे का पुल बना है। बगल में पक्का पुल भी निर्माणाधीन है।  


किले के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है। केवल बाहर का ही फोटो खिंचा जा सकता है। बाहर जितना चाहे उछल-कूद कर लो लेकिन भीतर के संग्रहालय की तस्वीरें खींचना मना है। ये लोग भी घूमने आये हैं। मैं इन्हें नहीं जानता लेकिन देखा कि तोप चलाने और गोली लगने का बढ़िया अभिनय कर रहे हैं तो खींच लिया। :)


किले के भीतर का संग्रहालय दर्शनीय है। पुराने जमाने के हथियार, पालकी, वस्त्र रखे हैं। रह-रहकर मेरा हाथ कैमरे की ओर जाता, कोई था भी नहीं, खींच सकता था लेकिन साफ लिखा था कि फोटो खींचना मना है तो क्या करता! :( पुराने किले की बाहरी सुंदरता भी लाज़वाब है।


नक्काशीदार किला।


यह पुल बन जाता तो बाढ़ के दिनो में भी आराम हो जाता। पीपे के पुल से कुछ दिनो पहले एक कार गिर चुकी है।


अब लौटना चाहिए...


बन रहे नये पुल का यह भाग नदी में अच्छा लग रहा था। सोचा एक तस्वीर ले ही लिया जाय।


हाँ, एक बात तो बताना भूल ही गया। रामनगर कभी जांय तो लस्सी पीना मत भूलियेगा। यहाँ किले के पास लस्सी बहुत बढ़िया मिलती है। बनारस से भी लोग लस्सी पीने यहाँ जरूर आते हैं।