आज आपको रविदास मंदिर घूमाने ले चलते हैं। यह धनुषाकार घाटों के एक छोर पर स्थित है। सामने राजघाट का पुल है जो बनारस को मुगलसराय से जोड़ता है। अंग्रेजों के जमाने का बना यह पुल मालवीय पुल के नाम से भी जाना जाता है। बाईं ओर संत रविदास का विशाल मंदिर है।
मंदिर के आस पास पक्के घाट बने हैं। यहाँ के लोगों के लिए तो आम दिन जैसा ही था लेकिन तीर्थ यात्रियों के लिए यहाँ तक आना किसी ख्वाब के पूरा होने जैसा था। पंजाब से आने वाले भक्तों की संख्या अधिक थी।
यह रहा विशाल मंदिर
यात्रियों को देखते ही दीप-फूल बेचने वाले इन बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था।
यहाँ से बनारस के घाट उस समय कुछ ऐसे दिख रहे थे।
अन्तिम चित्र बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत चित्र......
ReplyDeleteमंदिर भी संगेमरमर का बना लगता है...शानदार!!!
आभार
अनु