Sep 11, 2016

कठिन श्रम, छोटा बाजार





5 comments:

  1. वाह! चाय का मूल्य न मिले मिले मूल्य मेहनत का

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    1. आपने देखा तो मुझे भी अपनी मेहनत का मूल्य मिल गया।

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  2. कड़ी मेहनत का नहीं , इस संसार मे ,जहाँ ह्रदय विहीन लोग रहते हैं,बड़े बड़े तिकड़मों का ईनाम मिलता है .

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  3. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - पुण्यतिथि ~ चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।

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