सूर्योदय के बाद आज नमो घाट(खिड़किया घाट)पर एक आनंद दायक दृश्य देखने को मिला। प्रातः भ्रमण करने वालों का एक ग्रुप वहीं बने एक चबूतरे पर बैठकर खूब मस्ती में ताली पीटते हुए भजन गा रहा था, "सीताराम, सीताराम, सीताराम भजिए, राधेश्याम, राधेश्याम, राधेश्याम भजिए।" मैने एक मिनट तक उनका वीडियो बनाया और मोबाइल बंद कर उनको देखने लगा। उनमें से एक ने हाथ के इशारे से मुझे भी बैठने और शामिल होने का प्रस्ताव किया, मैने झट प्रस्ताव मान लिया और भक्त बन गया। १० मिनट के भजन के बाद आंनद की अनूभूति हुई और अपरिचितों के एक समूह से जुड़ने का सुख मिला। विडियो का लिंक यह रहा....
https://youtu.be/zyHQeKDKs9U
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