Oct 27, 2022
Oct 26, 2022
Oct 25, 2022
Oct 23, 2022
Oct 15, 2022
कुआँ
सूर्योदय हो रहा है। सामने मर चुका कुँआ है। कभी कितनों की प्यास बुझाता होगा, अब धरोहर की तरह पड़ा है। भविष्य में नई पीढ़ी यह भी नहीं देख पाएगी।
सुबह की बातें
बच्चा प्रातः भ्रमण में माँ का साथ निभा रहा है। पुण्य कार्य करने का लाभ यह हुआ कि उसे पतंग मिल गई। बच्चा खुश है। पतंग लिए-लिए मगन हो, घूम रहा है। मैने कहा, "दिखाओ।" उसने पतंग ऊँचा कर दिया। पीछे धमेखस्तूप है, सामने सारनाथ का प्रसिद्ध बुद्ध मन्दिर।
Oct 12, 2022
Oct 10, 2022
Oct 9, 2022
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Oct 7, 2022
Oct 6, 2022
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