Dec 29, 2022

नमो घाट

 



हर हर महादेव

 


सुबह-ए-बनारस

 https://youtu.be/cRN2IlZ76ag





धर्मराजिका स्तूप

 https://youtu.be/HmHJIy4uu0o

गुलाब जामुन

सारनाथ रेलवे स्टेशन से आगे शक्तिपीठ है, इससे पचास मीटर की दूरी पर एक गोशाला और मिठाई की दुकान है जिसका नाम है कचौड़ी गली। मिठाइयाँ तो बढ़िया हैं ही लेकिन गुलाब_जामुन आकर्षण का केंद्र है। एक गुलाब जामुन 75/- रुपए का है और आकार इतना बड़ा की आप एक बार मे पूरा एक नहीं खा सकते। एक डिब्बे में एक ही अटती है।😊 दोनो चित्र यहीं के हैं। 




Dec 27, 2022

खिड़किया घाट

 



सेल्फी

 दिनाँक: 26-12-2022


जब सहायक लेखाधिकारी पद पर पदोन्नति हुई थी तब हम लोगों की लखनऊ में लगभग 5 माह की ट्रेनिंग हुई थी। उसी समय मौका निकालकर भूल भुलैया घूमने गए थे। आज 3 जनवरी 2023 को उमेश गुप्ता जी ने यह तस्वीर भेजी।

पंकज मधेशिया सर और उनके परिवार के साथ गंगा घाट पर दिनाँक 31-12-2022




आज फेसबुक मेमोरी ने दिखाया, 4 जनवरी 2015 की है।😊


फूल

 









धमेखस्तूप पार्क

 https://youtu.be/30c_CgvqAPo

Dec 24, 2022

ब्रेड मलाई

सारनाथ में म्यूजियम के सामने बीरबल की चाय की दुकान है। यहाँ मख्खन ब्रेड, ब्रेड मलाई, पनीर और चाय सब बढ़िया मिलता है। कभी सारनाथ घूमने आए तो इससे नहीं चूकना है।☺️

Dec 20, 2022

लेखाधिकारियों की तस्वीरें।

 

















श्री पंकज मधेशिया सर के साथ सारनाथ बनारस में 
दिनाँक 26-12-2022



चौक, लखनऊ में  मख्खन मलाई की कई दुकानें हैं। बनारस के मलइयो की तरह यह भी जाड़े के दो महीनों में मिलने वाली स्पेशल डिश है। अपने IFMTR सेक्टर-25 से लगभग 7-8 किमी की दूरी पर है। प्रातः भ्रमण करते हुए आज हम लोग, मख्खन मलाई खाने जा पहुँचे चौक। चौराहे पर ही मख्खन, मलाई, छाछ की कई दुकानें सज्ज थीं। दो भाइयों की दुकानें आस पास ही थीं। नाम पूछा तो बोले. बृजेश कश्यप, अमित कश्यप। बृजेश ने अपनी दुकान पर तस्वीर लगा रख्खी थी जिसके नीचे लिखा था...दौलत की चाट, राम शरण, मख्खन मलाई छाँछ। मैने पूछा किसकी तस्वीर है? दोनो भाई आगे आ गए फिर बृजेश गर्व से बताया.….ये मेरे पिताजी हैं और ये इसके। वो जो तस्वीर में बच्चा खड़ा है न? ये हम हैं। वहाँ हम लोगों ने मन भर मख्खन मलाई खाया और थोड़ा पैक भी करा लिया।

यहीँ पास ही राम मंदिर की गली में सेवकराम मिठाई वाले की दुकान है।  वहाँ की जिलेबी के साथ फिर मख्खन मलाई और देसी घी में छनी गरम कचौड़ी खाने के बाद हम पूरी तरह तृप्त हो चुके थे और अब हमारा बनारसी मन, पान की दुकान ढूँढने लगा। चौराहे के उस पार भोला पान भंडार दिख ही गया। बढ़िया दुकान है। चार महीने में पहली बार लखनऊ में पान खाने का आनन्द आया। अपनी मॉर्निंग तो गुड हो गई।
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यह सारनाथ, वाराणसी की तस्वीर है।