बनारस में घाटों के नाम बड़े रोचक हैं। कहीं 'राजा घाट' है तो कहीं 'रानी घाट' भी है।
राजा घाट का निर्माण सन 1807 ई0 में पूना के पेशवा अमृत राव ने कराया था।
रानी घाट-पहले यह राजघाट का ही भाग था। 1937 ई0 में लखनऊ के इटौजा रियासत की रानी मुनिया साहिबा ने घाट के ऊपर विशाल भवन बनवाया जिसे जानकी कुंज भी कहते हैं। इसके निर्माण के बाद इसका नाम रानी घाट पड़ गया।
चित्रों के साथ जानकारी भी ...वाह..
ReplyDeleteराजा के साथ रानी भी ,वाह ! यैसा ही होना चाहीये .......ये बनारस है,राजा अकेला ,बिना रानी के कैसे हो सकता है !
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