Feb 18, 2013

सरस्वती विसर्जन


हे सरसती माई !
के तोहें 
पकड़ी?


झूम - झूम 
नाचें-गायें
खींचे तोहार
सगड़ी


हे गंगा मैय्या! 
अब माई के संभाल तू


माई गइलिन गंगा जी में 
शेष बची 
लकड़ी।




जो मूर्त है वह नश्वर है। 
जो सत्य है वह ईश्वर है।

4 comments:

  1. बोलो सरस्वती माई की ... जय !


    आज की ब्लॉग बुलेटिन १९ फरवरी, २ महान हस्तियाँ और कुछ ब्लॉग पोस्टें - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. जो मूर्त है वह नश्वर है।
    जो सत्य है वह ईश्वर है।
    बहुत सुन्दर बोलते से चित्र...

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  3. जो मूर्त है वह नश्वर है।
    जो सत्य है वह ईश्वर है।

    कितना कुछ गई यर फोटो ओर ये चंद लाइनें ....
    सभी चित्र मस्त खींचे हैं ...

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