Apr 25, 2013

कमल


यह कमल का तालाब है। तस्वीर पिछले साल की है। खूब खिले थे कमल।



धीरे-धीरे कमल मुर्झाने लगे। तालाब का पानी गंदा हो गया। याद आने लगे दुष्यंत कुमार....

अब तो इस तालाब का पानी बदल दो, ये कँवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं। 


एक दिन माली ने पूरे तालाब की सफाई कर दी। पुराने कमल सब काट-छांट दिये।

समय बदला। धीरे-धीरे नये पत्ते अंकुरित होने लगे। खिलने लगे ताजे कमल।


तालाब फिर से खूबसूरत हो गया।

वैसे दुष्यंत कुमार सिर्फ इस तालाब के पानी को बदलने की बात नहीं कर रहे..:) 

9 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (27 -4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. वाकई ख़ूबसूरत प्रस्तुति

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  4. कमल का पुष्प, मानव के जीवन एवं उसके दिनचर्या का प्रतीक है.....

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  5. खूबसूरत फुलवाड़ी !

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