Nov 2, 2015

ध्यान, ध्यानी और धमेख स्तूप

यह सारनाथ स्थित धमेख स्तूप है।  
  

प्रातः भ्रमण के समय इसके इर्द-गिर्द बौद्ध धर्म के अनुयायी ध्यान करते हुए दिख जाते हैं। 


यहाँ के लोगों के लिए ये दृश्य आम बात हैं।


धमेख स्तूप के खंडहर में आने के लिए टिकट लगता है। स्तूप के बाहर जैन मंदिर है। जहां यह लड़का ध्यान लगा रहा है। यह ऊपर वाली पहली तस्वीर का छोर है। यहाँ टिकट नहीं लगता। यह गाँव का एक सामान्य लड़का है। मैं इसे नहीं जानता। बस इतना जानता हूँ कि यह यहाँ रोज इसी मुद्रा में घंटों ध्यान लगाता है। न कोई मंत्र पढ़ता है न किताब लिए है। अनपढ़ लगता है। यह मुझे अधिक आकर्षित करता है।  


8 comments:

  1. वाह ! इस लड़के के चेहरे पर गज़ब की शांति है .... अलीभाई का शब्द - ध्यानस्थ याद आया इसके लिए ..

    ReplyDelete
  2. मेरा ख्याल है यही ध्यान बुद्धत्व पाता है … अज्ञानता के आगे ज्ञान
    .... मंत्र तो स्वयं को बाँधने की प्रक्रिया है, निःशब्द,शून्य में बहुत कुछ मिलेगा

    ReplyDelete
  3. हटकर अनुभव साझा करने के लिए धन्यवाद, ब्लाग और फैसबुक अलग माध्यम हैं..





    ReplyDelete
  4. क्या खूब तस्वीरें हैं!

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया। पहली तस्वीर गज़ब की सुन्दर है।

    ReplyDelete
  6. सुन्दर प्रस्तुति , बहुत ही अच्छा

    ReplyDelete
  7. It's very pleasant to know. There r many truth seekers , I wish for a great success.

    ReplyDelete