बच्चा प्रातः भ्रमण में माँ का साथ निभा रहा है। पुण्य कार्य करने का लाभ यह हुआ कि उसे पतंग मिल गई। बच्चा खुश है। पतंग लिए-लिए मगन हो, घूम रहा है। मैने कहा, "दिखाओ।" उसने पतंग ऊँचा कर दिया। पीछे धमेखस्तूप है, सामने सारनाथ का प्रसिद्ध बुद्ध मन्दिर।
वाह !!! अति मनोरम चित्र हैं । आभार
बच्चों की एक अपनी ही दुनिया होती है निश्छलता से भरी और दुनियावी क्रिया-कलापों से परे।प्यारी तस्वीरें हैं।सादर।
वाह !!! अति मनोरम चित्र हैं । आभार
ReplyDeleteबच्चों की एक अपनी ही दुनिया होती है निश्छलता से भरी और दुनियावी क्रिया-कलापों से परे।
ReplyDeleteप्यारी तस्वीरें हैं।
सादर।